Kharmas 2024: कब से शुरू हो रहा है खरमास? जानें क्या हैं नियम और पूजा विधि

खरमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार, वह समय है जब सूर्य धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करता है इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य संस्कार वर्जित माने जाते हैं।

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Kharmas 2024: कब से शुरू हो रहा है खरमास? जानें क्या हैं नियम और पूजा विधि

खरमास 2024 कब से शुरू होगा?

खरमास, जिसे मलमास भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार, वह समय है जब सूर्य धनु राशि या मीन राशि में प्रवेश करता है। 2024 में खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 14 जनवरी 2025 को समाप्त होगा। इस दौरान शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, या अन्य संस्कार वर्जित माने जाते हैं।

क्या होता है खरमास?

खरमास का नामकरण 'खर' (गधा) और 'मास' (महीना) से हुआ है। यह महीना इसलिए अशुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य, जो शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है, इस समय कमजोर हो जाता है। इस अवधि में किए गए मांगलिक कार्य शुभ फल नहीं देते, इसलिए इन्हें टालने की परंपरा है।

खरमास में मांगलिक कार्य वर्जित क्यों होते हैं?

खरमास के दौरान सूर्य देव की गति मंद हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय सूर्य देव की ऊर्जा और शुभ प्रभाव कम हो जाते हैं।

  • इस कारण विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्य करने से उनके फल अशुभ हो सकते हैं।
  • इस अवधि में केवल धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों पर जोर दिया जाता है।

खरमास के नियम और पूजा विधि

खरमास के नियम:

  1. इस समय मांगलिक कार्य न करें।
  2. भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करें।
  3. गरीबों और जरूरतमंदों को दान-पुण्य करें।
  4. सात्विक जीवन जीएं और मांसाहार से परहेज करें।
  5. गंगा स्नान करें और पवित्र नदी में आचमन करें।

खरमास में पूजा विधि:

  1. सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए घी का दीपक जलाएं।
  3. तुलसी के पौधे के पास जल चढ़ाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  4. सूर्य देव को अर्घ्य दें और गायत्री मंत्र का जाप करें।
  5. गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें।

खरमास में क्या न करें?

  1. मांगलिक कार्य न करें:
    विवाह, गृह प्रवेश, या कोई भी शुभ कार्य करना इस समय वर्जित है।

  2. नकारात्मक सोच से बचें:
    क्रोध, द्वेष, और किसी का अपमान न करें।

  3. भोजन में संयम रखें:
    इस दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें और मांसाहार से बचें।

  4. धार्मिक कार्यों की उपेक्षा न करें:
    इस समय पूजा-पाठ और ध्यान में विशेष रूप से भाग लें।

खरमास का महत्व

खरमास को आत्म-शुद्धि और ध्यान का समय माना जाता है। यह समय हमें भौतिक इच्छाओं से दूर रहने और अपने आध्यात्मिक विकास पर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देता है।

  • भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं।
  • दान और पुण्य से पापों का नाश होता है।

खरमास 2024 आत्म-शुद्धि, ध्यान और भगवान की उपासना का समय है। इस अवधि में धार्मिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करें और शुभ कार्यों से बचें। खरमास के नियमों का पालन कर आप जीवन में सकारात्मकता और शांति का अनुभव कर सकते हैं।